समय की मांग के अनुरूप रचा जाए राजस्थानी बाल साहित्य ‘राजस्थानी बाल साहित्य री दसा अर दिसा’ विषयक संगोष्ठी आयोजित
बीकानेर, 14 नवंबर। ‘साहित्य का सृजन समय की आवश्यकता के अनुरूप होना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर उसकी ग्राह्यता धीरे-धीरे कम होने लगती है और वह लोक से दूर हो जाता है।’राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय तथा सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के संयुक्त तत्वावधा्न में सोमवार को आयोजित संगोष्ठी ‘आजContinue Reading





