सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार पर दिया जाए विशेष ध्यान- किशन सदारंगानी

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बीकानेर19 जून भारतीय सिन्धु सभा व अमरलाल मंदिर ट्रस्ट रथखाना के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क आठ दिवसीय सिंधी बाल संस्कार शिविर का आज समापन हुआ।शिक्षिका नीता सामनानी, पवन खत्री, अनिल डेम्बला ने शिविर में अपना निःशुल्क सहयोग दिया।भारतीय सिंधु सभा के महानगर अध्यक्ष किशन सदारंगानी ने बताया कि देश के विभाजन के पश्चात आज जो चैथी पीढ़ी है, वह धीरे-धीरे सिंधी बोली, भाषा, रीति रिवाज, खान पान व संस्कृति सब भूलती जा रही है। सिंधी घरों में भी अब सिंधी बोली का प्रचलन कम हुआ है। इसी न्यूनता व रिक्तता को दूर करने के लिए एवं सिंधी भाषा व संस्कृति बचाने के लिए भारतीय सिंधु सभा के संयुक्त तत्वावधान में बीकानेर में हर वर्ष निःशुल्क सिंधी बाल संस्कार शिविर आयोजित किया जाता है। शिविर के समापन पर आज नन्हे मुन्ने बालक बालिकाओं ने सिंधी गीत, कविता, भाषण व नृत्य से श्रोताओं का मन मोह लिया। बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में बच्चों ने झूलेलाल, राधा-कृष्ण व हेमु कालाणी बन सभी को आश्चर्य चकित कर दिया।इस अवसर पर सह शैक्षिक गतिविधियों को सिखाने वाली शिक्षिका वर्षा, नीतू व खुशबू आदि का भी सम्मान किया गया।समाज के वरिष्ठ सदस्यो व मातृ शक्ति द्वारा बाल संस्कार शिविर व सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बालक-बालिकाओं को प्रमाण पत्र एवं उपहार वितरित किए गये।

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