तपस्या का अनूठा रूप है चालिया महोत्सव : श्याम आहूजा

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लाल से मिला दे-झूलेलाल से मिला दे

बीकानेर 9 अगस्त। संत कंवर राम सिंधी समाज ट्रस्ट, भारतीय सिन्धु सभा महानगर, मातृ शक्ति सत्संग मंडली, जय झूलेलाल सिंधी युवा मंडल के संयुक्त तत्वावधान में चालिया महोत्सव के पच्चीसवें दिन भजन संध्या का नेतृत्व धोबी तलाई मातृ शक्ति सत्संग मंडली की अध्यक्ष दादी रुक्मणी, दादी कलावती, भारती गुवालानी, गोपी वलीरमानी, मनीष भगत, कांता हेमनानी, देवी नवानी, पूनम टिकयानी व कमला सदारंगानी के सानिध्य में किया गया। भजन संध्या में पीहू वासवानी, विद्या गुवालानी, शालू खत्री, कविता सदारंगानी, लता आस्वानी, चन्द्रावती हरवानी, रूक्मणी नवानी, लाजवंती ढोलवानी ने सिंधी गीत गायन में सहयोग दिया। दीप प्रज्ज्वलित प्रीति हेमनानी, वर्षा लखानी, रेखा हेमनानी, पूनम गुवालानी ने किया। निर्मला हरवानी, दीपिका किशनानी, काजल किशनानी, दुर्गा धिरानी,‌ कल्पना गुवालानी, ज्योति गुवालानी, निम्मा वासवानी, मधु साधवानी, रजनी गुवालानी, दिव्या वलीरमाणी, भावना खत्री नन्हीं बालिका वंशिका, पूर्वी व बालक वरूण, कुणाल ने झूलेलाल जी का माल्यार्पण किया।सिंधु सभा महानगर अध्यक्ष किशन सदारंगानी व सिंधु सभा धोबी तलाई अध्यक्ष पवन खत्री ने बताया कि चालिया का सिंधी समाज में तपस्या का बड़ा धर्म है। लोग अपने अपने अनुसार तपस्या करते हैं। यह तपस्या सामर्थ्य अनुसार एक दिन से चालीस दिन तक होती है। यह तपस्या महिला व पुरुष दोनों करते हैं। सिंधु सभा के संभाग संरक्षक श्याम सुंदर आहूजा ने अपने संदेश में कहा कि आज समाज में धर्म के प्रति आस्था में वृद्धि हुई है और यह चलियां महोत्सव तपस्या का अनूठा रूप है। इसलिए आज चालिया महोत्सव अमर लाल मंदिर रखखाना कालोनी, संत कंवर राम ट्रस्ट धोबी तलाई, झूलेलाल मंदिर पवनपुरी (सुदर्शना नगर) में धूम धाम से मनाया जाता है।

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