
#सुधीर कुमार मिश्रा
#जिंदगी लाइव❤
ये है रामरतन.. जिला मैनपुरी के रहने वाले.. मोहब्बत के सौदागर हैं… उत्तर प्रदेश से यहां आकर फूल बेचते हैं
सर्दियों की आहट होते ही ये फूलों को लेकर मरुभूमि के इस प्रदेश में पहुंच जाते हैं ,और मोहब्बत के कारोबार में जुट जाते हैं, पिछले कई साल से लगातार ये लोग बीकानेर फूलों का कारोबार करने के लिए पहुंचते हैं ,और सर्दी के मौसम में खिलने वाले तमाम तरह के फूलों और पौधों को यहां बेचते हैं.. अभी सर्दी के मौसम में कई ऐसे लोग जो मैनपुरी ,इटावा, और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से यहां फूलों को लेकर पहुंच रहे हैं ताकि लोग इन खूबसूरत फूलों को अपने आंगन के अंतर्गत सजा सके.. बीकानेर की सड़कों पर ये लोग सर्दियों में फूलों का कारोबार करते हैं..
इनके फूलों के गुलदस्ते में तमाम तरह के फूल हैं, गेंदा गुलदावरी, गुलाब, और सर्दियों के मौसम में खिलने वाले तमाम तरह के फूल इनके पास मौजूद है, जिन्हें देखने के बाद थोड़ी देर के लिए मन प्रफुल्लित हो जाता है, सुदूर उत्तर प्रदेश से ये फ़ूल लाकर एक जगह इकट्ठा करते हैं ,उस की रखवाली करते हैं और फिर धीरे-धीरे सड़कों पर इसी तरह बैठकर अपने कारोबार में जुट जाते हैं..
#जिंदगी लाइव से मुलाकात में #रामरतन कहते हैं पिछले कई साल से बीकानेर आ रहा हूं ,यह काफी अच्छा शहर है, यहां के लोग काफी अच्छे हैं ,और फूलों के काफी शौकीन है, यहां अच्छी कारोबार हो जाती है , यह पूछने पर कि फूलों का ही कारोबार आप क्यों कर रहे हैं? रामरतन मुस्कुरा कर कहते हैं खिलते हुए फूल देखने में खूबसूरत लगते हैं ,मन को उर्जा प्रदान करते हैं और फिर किसान का पुत्र होने के नाते हम इसी कारोबार में जुटे हैं ताकि लोगों के घरों में खूबसूरत फूल पहुंचा सके.. भले ही बीकानेर के अंतर्गत बहुत सारे नर्सरी हैं, मगर ये लोग हर साल सर्दियों के मौसम में #मोहब्बत के फूलों को लेकर पहुंचते रहे हैं ताकि मरूभूमि के लोगों को मोहब्बत का संदेश दे सकें… और लोग खूबसूरत फूलों को अपने घर आंगन में लगा सके ताकि उनका घर आंगन खूबसूरत दिखे
#जूनागढ़ फोर्ट की सड़कों पर चुपचाप बैठे हुए #रामरतन और उनके फूलों को देखने के बाद #जिंदगी लाइव थोड़ी देर के लिए खूबसूरत फूलों को निहारने लगती है ,और अपनी मिट्टी की खुशबू से संवाद करने लगती है ,#गंगा पुत्र होने के नाते अपनी मिट्टी के फूलों को देखने के बाद मैं उन्हें हाथों से स्पर्श करने लगता हूं ,और यहां सुदूर मरुभूमि में सड़को पर सुगंध बिखेरते हुए हुए अपने फूलों से संवाद करने लगता हूं, हमारी आंखें कुदरत की इस नायाब फूलों से संवाद करने लगती है ,मैं थोड़ी देर के लिए अपनी मिट्टी की सुगंध के बारे में सोचने लगता हूं, सचमुच #गंगा बेसिन के इलाके में सर्दियों के मौसम में तमाम तरह के फूल ,फल, पेड़ पौधे अपनी आभा बिखेरने लगते हैं ,और अपनी खुशबू से मिट्टी को सराबोर करने लगते हैं, गंगा बेसिन में फूलों का कारोबार करने वाले लोग न केवल भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया में आज इस व्यवसाय को गंगा इलाके के लोग बेहतर तरीके से कर रहे हैं और आज ये मोहब्बत के फूल रोजी-रोटी का साधन भी है, सचमुच रामरतन सरीखे लोग मोहब्बत के सौदागर हैं, जो सुदूर उत्तर प्रदेश की धरती से मोहब्बत को लेकर इस मरुभूमि में बांट रहे हैं..
और अंत में ठीक ही तो लिखते हैं मशहूर शायर #बशीर बद्र
गुलाबों की तरह दिल अपना शबनम में भिगोते हैं
मोहब्बत करने वाले खूबसूरत लोग होते हैं
पुराने मौसमों के नामे नामी मिटते जाते हैं
कहीं पानी कहीं शबनम कहीं आंसू भिगोते है
यही अंदाज है मेरा समंदर फतह करने का
मेरी कागज की कश्ती में कई जुगनू भी होते हैं
#सुधीर कुमार मिश्रा
#जिंदगी लाइव❤❤