
बीकानेर 12 अगस्त।अमृता देवी पर्यावरण नागरिक संस्थान अपना संस्थान एवम् पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा निकाली जाने वाली पर्यावरण जन चेतना यात्रा के लिए पर्यावरण रथ तैयार कर इसका विधिवत शुभारंभ दिनांक 12 अगस्त 2023 को सायं 5.30 बजे जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर से किया गया।जिसमें कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री मोहर सिंह जी यादव, मुख्य अथिति श्री मोखराम जी धारणिया, विशिष्ट अथिति पूज्य संत छैल बिहारी जी महाराज व मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता श्रीवर्धन जी रहे।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीवर्धन जी के अनुसार पर्यावरण अर्थात् पारीय यानी चारों ओर वरण अर्थात धारण करना अपने चारों तरफ़ सुंदरता को धारण करना ही पर्यावरण है और यह सुंदरता अच्छा पर्यावरण बनाने के लिए पौधे लगाना ज़रूरी है 1 मानक के अनुसार प्रत्येक राष्ट्र में 33 प्रतिशत भू भाग पर वन होने चाहिए परंतु भारत में केवल 26 प्रतिशत भू भाग पर ही वन हैं पर्यावरण सबके लिए है जिसने भी दिया है उसको हमने माँ का दर्जा दिया है जैसे गंगा माता,गोमाता, तुलसी माता ,आँवला, पीपल जीवनदायी पेड़ हैं इसलिए उसको धर्म से जोड़ा गया है ताकि लोग उसे काटै नहीं।पेड़ों में भी आत्मा बसती है यदि एक पेड़ के पास संगीत मैं परिस्थिति हो तो वह ख़ुशहाल तरीक़े से वृद्धि करता है परीक्षण भारतीय परंपरा है।हमें प्रति वर्ष कम से कम दस पौधे लगाने चाहिए और उन्हें संरक्षित करना चाहिए तुलसी जीवन में वृद्धि देने वाली है तो पर्यावरण के संरक्षण से जीवन भी संग रक्षित रहेगा प्रकृति बचेगी इसी धारणा के साथ हमें प्रकृति बचानी है और जनचेतना लानी है।मुख्य अतिथि मोहर सिंह जी ने बताया कि किसी भी ख़ुशी के अवसर, किसी सफलता, शादी की वर्षगाँठ या अन्य अवसरों पर हमें पेड़ लगाने चाहिए उन्होने मोमासर गाँव में 5 पेड़ लगाकर उस गाँव को स्वच्छ व सुंदर बनाने का प्रयास किया। उनके अनुसार पौधो की 100 पर्सेंट सर्वाइवल की ग्रोथ रेट होनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छता अभियान जिसमें स्वच्छ भारत अभियान को ही अपने देश सेवा का माध्यम बनाया प्रधानमंत्री के निर्देश पर एक गाँव को मॉडल गाँव बनाने का प्रयास किया खेजड़ी के वृक्ष को सांगरी युक्त करने की कोशिश करने का प्रण लिया और राधे राधे कचरा संग्रहण योजना की बीकानेर में शुरुआत की थी।कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तित्व , संस्थानों का सम्मान किया गया जिसमें डॉ ओम प्रकाश जी भादू, डॉ एस एल बिश्नोई जी,श्री अविनाश व्यास,श्री राजकुमार कोचर, श्री कमल छाजेड़ व वीर सावरकर संस्थान को समान्नित किया गया।