पालनहार योजना में बालक-बालिकाओं की देखभाल व पोषण की व्यवस्था-एल.डी.पंवार

Share News

बीकानेर, 15 नवम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की फ्लेगशीप योजना पालनहार में बालक एवं बालिकाओं की देखभाल एवं पोषण की व्यवस्था की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 0 से 18 वर्ष तक के विशेष देखभाल एवं संरक्षण वाले बालक-बालिकाओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए पालनहार योजना शुरू की है।
इस श्रेणी के बच्चों को दी जाती है आर्थिक सहायता-इस योजनांतर्गत निराश्रित पेंशन की विधवा माता के बच्चें, नाता जाने वाली माता के बच्चें, अनाथ बच्चें, पुनर्विवाहीत विधवा माता के बच्चें, विशेष योग्यजन (दिव्यांग) माता/पिता के बच्चें, तलाकशुदा/परित्यकता महिला के बच्चें, कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता के बच्चें, एच.आई.वी/एड्स पीड़ित माता/पिता के बच्चें, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता अथवा माता-पिता दोनों में से एक मृत्यु हो चुकी हो व दूसरे को मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो के सभी बच्चें, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चें को आर्थिक सहायता दी जाती है।
   इतनी जाती है सहायता- पालनहार योजनांतर्गत 0-6 वर्ष के बालक/बालिकाओं को 500 रूपये प्रतिमाह एवं 6 से 18 वर्ष के बालक/बालिकाओ को 1000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में अक्टूबर 2022 तक कुल 16801 बच्चों को कुल 10.64 करोड़ रू से लाभांवित किया जा चुका है।
पंवार ने बताया कि जिले में योजना अन्तर्गत शैक्षणिक सत्र-2022-23 के लिए लाभांवित हो रहे कुल 13451 बच्चों का वार्षिक सत्यापन किया जाना है। जिसमें से 6987 का ही वार्षिक सत्यापन हुआ है। शेष 6464 बच्चें वार्षिक सत्यापन से वंचित है।
       उन्होंने बताया कि  जिला कलक्टर द्वारा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में अध्ययनरत पालनहार योजना से लाभांवित बच्चों का वार्षिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिए है। उन्होंने योजना में लाभांवित हो रहे बच्चों/पालनहारों का शैक्षणिक सत्र 2022-23 के विद्यालय में अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवाकर ई-मित्र पर अपलोड करवाने हेतु निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि इससे सम्बंधित को पूरे वर्ष नियमित भुगतान किया जा सकें।  इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग को भी आंगनबाड़ी में पंजीकृत बच्चों को जो पालनहार योजनान्तर्गत लाभांवित हो रहे है, आंगनबाड़ी से जुड़ें होने का प्रमाण पत्र जारी करवाकर ई-मित्र/ई-मित्र प्लस/राजीव गंाधी सेवा केन्द्र के माध्यम से वार्षिक सत्यापन करवाने हेतु निर्देशित किया है।

Share News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *