
एशिया की सबसे छोटी कैलीग्राफी टीचर गौरी माहेश्वरी ने जेलवेल भीमनगर व मुक्ता प्रसाद नगर में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को कैलीग्राफ़ी आर्ट सिखाई। इन कार्यशाला से क़रीब 250 छात्र -छात्राये लाभान्वित हुएइस अवसर पर गौरी ने बच्चों को स्वच्छ भारत और पर्यावरण के लिए जागरूक किया और स्वयं की तरह बच्चों को आत्म निर्भर बनने के लिए भी प्रेरित किया। प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय बाल पुरुस्कार प्राप्त गौरी को एशिया का सबसे छोटी कैलीग्राफी एक्सपर्ट का खिताब मिला है। गौरी प्रदेश के 100 राजकीय विद्यालयों में इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन करने के लिये कृत संकिल्प है और अब तक वह 40 से अधिक विद्यालायों में जाकर बच्चो को निशुल्क कैलीग्राफी सीखा चुकी है। अपनी दो घंटे की कार्यशाला में गौरी ने अंग्रेज़ी के अल्फाबेट्स को लिखने की विभिन्न शैली का प्रशिक्षण दिया | छात्रों में अत्याधिक उत्साह होने के कारण उन सभी ने अपने नामों को भी विभिन्न शैली में लिखने का प्रयास किया ।गौरी ने छात्राओं को इस शैली की महत्वता को समझाते हुए कहा कि राइटिंग आपके व्यक्तित्व की पहचान है |आधुनिक भारत में आप इस शैली को प्रोफ़ेशन के रूप में भी अपना सकते हैं ।विभिन्न कंपनियों के लोगों डिज़ाइन करना और विज्ञापन लेखन मैं इसकी उपयोगिता है। *उल्लेखनीय है मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल की कक्षा 9 की छात्रा *गौरी माहेश्वरी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता*के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान , नगर निगम ग्रेटर जयपुर के ब्रैडएंबेसेडर के रूप में भी अपनी सेवाएँ दे रही है